Friday, 24 July 2015

तुम फैसला करो...

ये सच है 
कि ये कविताएँ तुम्हारे लिए लिखता हूँ
क्योंकि ये कविताएँ तुम्हारे प्रति 
मेरे प्यार का इज़हार करती हैं
ये कविता नहीं, बल्कि
तुम्हारे प्रति मेरी भावनाएँ हैं, अनुभूति है
क्योंकि मुझे तुमसे बेहद प्रेम है

पर सच बताऊँ 
कभी कभी मुझे लगता है
कि ये कविताएँ तुम्हारे लिए
एक जाल है
और तुमने खुद को 
बेहतर साबित कर दिखाया
इन कविताओं से 
तुम प्रभावित तो हुई
पर इनका प्रभाव पड़ने नहीं दिया

पर सच्चाई तो यही है
कि ये कविताएँ तुम्हारे लिए 
सिर्फ और सिर्फ मेरा प्यार है

फिर भी
मैं यह तुम पर छोड़ता हूँ
तुम्हीं फैसला करो
ये कविताएँ, तुम्हारे लिए
जाल है या मेरा प्यार?

*राकेश वर्मा*

No comments:

Post a Comment

Happy to hear from you