मैं अपनी कविता के बिना अधूरा रह गया
मेरी कविताओं के कई सवाल थे
उन सवालों का जवाब अधूरा रह गया
मैं, जो आस अब तक लगाए बैठा था
वो आस अधूरा रह गया
मेरा सारा प्रयाश अधूरा रह गया
मेरे सारे ख्वाब जो मैंने
अपनी कविता के लिए देखे थे
वो ख्वाब अधूरा रह गया
शायद, मेरी कहानी की
शुरुआत ही अच्छी नहीं हुई
इसलिए अच्छा अंत अधूरा रह गया
मैं अपनी कविता के लिए
और भी कविताएँ लिखना चाहता था
पर कविता के बिना, कविताओं का दौर अधूरा रह गया
मैं हर बार थोड़े से रह जाता था
इस बार, उस थोड़े में भी अधूरा रह गया
अन्ततः, अपनी कविता के बिना अधूरा रह गया
*राकेश वर्मा*
मेरी कविताओं के कई सवाल थे
उन सवालों का जवाब अधूरा रह गया
मैं, जो आस अब तक लगाए बैठा था
वो आस अधूरा रह गया
मेरा सारा प्रयाश अधूरा रह गया
मेरे सारे ख्वाब जो मैंने
अपनी कविता के लिए देखे थे
वो ख्वाब अधूरा रह गया
शायद, मेरी कहानी की
शुरुआत ही अच्छी नहीं हुई
इसलिए अच्छा अंत अधूरा रह गया
मैं अपनी कविता के लिए
और भी कविताएँ लिखना चाहता था
पर कविता के बिना, कविताओं का दौर अधूरा रह गया
मैं हर बार थोड़े से रह जाता था
इस बार, उस थोड़े में भी अधूरा रह गया
अन्ततः, अपनी कविता के बिना अधूरा रह गया
*राकेश वर्मा*